हम जानते हैं कि जमशेदपुर में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। जमशेदपुर खेल की दुनिया के साथ-साथ फिल्म जगत में भी परचम लहरा रहा है। जमशेदपुर के गोलमुरी निवासी आदर्श गौरव राज्य के पहले ऐसे अभिनेता बन गए हैं, जिनकी अभिनीत फिल्म ‘द व्हाइट टाइगर’ ब्रिटिश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन अवार्ड्स (बाफ्टा) (British Academy Film Awards) के बाद अब ऑस्कर अवार्ड (Academy Awards) के लिए नामित हुई है। फिल्म के लेखक-निर्देशक रमीन बहरानी हैं। आदर्श को बॉलीवुड में 10 साल हो गए हैं। आदर्श गौरव ने फिल्म माय नेम इज खान, मॉम, रुख में अभिनय किया है। आदर्श ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मैं भी इस फिल्म का हिस्सा हूं।
93 वें एकेडमी अवॉर्ड्स (93rd Academy Awards) के लिए नॉमिनेशन्स की सूची सोमवार को जारी की गई, जिसमें एडॉप्टेड स्क्रीनप्ले श्रेणी में फिल्म शामिल है। इस कैटेगरी में ऑस्कर जीतने के लिए ‘द व्हाइट टाइगर’ को ‘द फादर’, ’नोमैडलैंड’ और ’वन नाइट इन मियामी’ से मुकाबला करना होगा। इससे पहले इस फिल्म के लीड एक्टर आदर्श गौरव को बाफ्टा के बेस्ट एक्टर कैटेगरी में नामांकन मिल चुका है। ऑस्कर पुरस्कारों की घोषणा 15 अप्रैल को की जाएगी।
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी बलराम हलवाई (आदर्श गौरव) की है, जो लक्ष्मणगढ़ गांव के एक गरीब परिवार में पैदा हुआ है। फिल्म में ड्राइवर बलराम हलवाई को गरीबी और भूख से संघर्ष करते हुए बाहर निकलने को दर्शाये गए है। पिता की मृत्यु के बाद, बलराम को अपनी पढ़ाई छोड़ देनी पड़ती है।
इस बीच, वहां के क्रूर जमींदार (महेश मांजरेकर) का छोटा बेटा अशोक (राजकुमार राव) अमेरिका से लौटता है। बलराम अशोक के साथ शहर पहुँचता है और उसका ड्राइवर बन जाता है। अब बलराम की दुनिया अशोक और आजाद ख्यालों वाली उसकी पत्नी पिंकी (प्रियंका चोपड़ा) के इर्द-गिर्द घूमती है। अमीरी-गरीबी के बीच यहां दूरी कम होती नजर आ रही होती है कि नई दिल्ली में एक हादसा होता है और इसके साथ ही जन्म होता है ‘व्हाइट टाइगर’ का।
क्या है अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले कैटेगरी
फिल्में जो पहले से मौजूद कहानी पर आधारित हैं। यानी इसकी स्क्रिप्ट असली नहीं होती, यह एक उपन्यास, पुस्तक, धारावाहिक आदि पर आधारित होती है। ‘द व्हाइट टाइगर‘ एक उपन्यास आधारित फिल्म है, इसलिए इस श्रेणी में नाम दिया गया है।
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