गोल्फ कोर्स घड़ी टावर: जमशेदपुर का ऐतिहासिक धरोहर
जमशेदपुर, जिसे ‘स्टील सिटी‘ के नाम से जाना जाता है, अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। शहर के बीचों-बीच स्थित गोल्फ कोर्स घड़ी टावर (Golmuri Golf Course Clock Tower) इस धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो समय की अहमियत और शहर के विकास की कहानी सुनाता है।
घड़ी टावर की स्थापना और उद्देश्य
1939 में, जब द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) की आहट सुनाई दे रही थी, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया (TCIL) ने अपने पहले जनरल मैनेजर जॉन न. लहसुन (John N. Lason) की 16 वर्षों की सेवा की स्मृति में इस घड़ी टावर की स्थापना की। यह टावर गोलमुरी क्लब के गोल्फ कोर्स में स्थित है और इसकी ऊँचाई लगभग 70 फीट है। उस समय, शहर के अधिकांश निवासियों के पास घड़ी नहीं हुआ करती थी, इसलिए यह घड़ी टावर समय बताने का मुख्य साधन बन गया था।
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घड़ी की विशेषताएँ और महत्व
इस घड़ी टावर के शिखर पर चार स्विस निर्मित घड़ियाँ स्थापित हैं, जो समय बताती हैं। इन घड़ियों की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि यह 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई देती थी। लोग इस आवाज़ के माध्यम से समय का अनुमान लगाते थे, जिससे यह घड़ी टावर शहरवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण समय संकेतक बन गया था।
समय के साथ बदलाव और पुनर्निर्माण
1994 में, रखरखाव के अभाव में घड़ी ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन 3 मार्च 2014 को, स्विस कंपनी से संपर्क करके इसकी मरम्मत की गई और इसे फिर से चालू किया गया। अब यह घड़ी टावर न केवल समय बताता है, बल्कि जमशेदपुर के इतिहास और संस्कृति की याद भी दिलाता है।
निष्कर्ष
गोल्फ कोर्स घड़ी टावर जमशेदपुर के इतिहास और संस्कृति का एक अमूल्य हिस्सा है। यह घड़ी टावर समय की अहमियत और शहरवासियों की मेहनत और समर्पण की कहानी सुनाता है। समय के साथ बदलाव आए हैं, लेकिन यह घड़ी टावर आज भी अपनी उपस्थिति से जमशेदपुर की समृद्ध धरोहर को जीवित रखे हुए है।
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