जमशेदपुर की भीड़-भाड़ और औद्योगिक ऊर्जा के बीच एक ऐसी ऐतिहासिक धरोहर खड़ी है, जो सिर्फ समय नहीं बताती बल्कि समय को जीती भी है। गोलमुरी गोल्फ कोर्स घड़ी टावर, हरे-भरे गोल्फ मैदानों के बीच स्थित, नज़ाकत, स्थापत्य, तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम है।
निर्माण का इतिहास – 1939 का एक अनोखा उपहार
यह प्रतिष्ठित टावर Tinplate Company of India (TCIL) ने 1939 में बनवाया था। इसे कंपनी के पहले जनरल मैनेजर John N. Leyshon की 16 वर्षों की सेवा के सम्मान में स्थापित किया गया था। साल 1939 वही दौर था जब दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध की दहलीज पर खड़ी थी, इसलिए यह टावर सिर्फ वास्तुकला नहीं, इतिहास की छाप भी समेटे हुए है।
70 फीट ऊंची विरासत
लगभग 70 फीट ऊंचा यह टावर उस युग का प्रतिनिधि है, जब:
- तकनीक सीमित थी
- हर घर में व्यक्तिगत घड़ी नहीं होती थी
- लोग सार्वजनिक घड़ियों पर निर्भर रहते थे
ऐसे समय में यह टावर पूरे गोलमुरी और टेल्को क्षेत्र का Public Timekeeper बन गया। सुबह की पहली घंटी से लेकर शाम के अंतिम संकेत तक शहर की दिनचर्या इसी घड़ी की आवाज़ पर चलती थी। इसकी घंटियाँ लगभग दो किलोमीटर तक साफ सुनाई देती थीं।
स्विट्जरलैंड की तकनीक – चार दिशाओं में चार घड़ियाँ
टावर के शीर्ष पर लगी चार घड़ियाँ Anglo-Swiss Watch Company (Switzerland) द्वारा निर्मित थीं। ये उस समय की सर्वोत्तम यांत्रिक तकनीक का उदाहरण थीं। यह घड़ी सिर्फ समय नहीं बताती थी यह लोगों के जीवन की गति तय करती थी:
- बच्चों का स्कूल समय
- मजदूरों का फैक्ट्री पहरा
- दफ्तर जाने का नियम
- घर लौटने का संकेत
सब कुछ इस टावर की आवाज़ पर चलता था।
पुराने टाटा मोटर्स और टिनप्लेट कर्मचारियों की यादों में आज भी यह घड़ी टावर बसा हुआ है, वे साइकिल से ड्यूटी जाते समय इसकी ओर देखकर अपनी रफ्तार तय करते थे।
1994 में बंद… और 20 साल की खामोशी
समय के साथ जब Wrist watches और मोबाइल आम हो गए, इस टावर का महत्व कम दिखाई देने लगा। 1994 में घड़ियाँ बंद हो गईं और टावर लगभग 20 वर्षों तक शांत रहा।
2014 की मरम्मत – फिर लौटी पुरानी धड़कन
फरवरी 2014 में, उसी Anglo-Swiss Watch Company को बुलाकर घड़ियों की मरम्मत की गई। 3 मार्च 2014 को, Founder’s Day पर, गोलमुरी ने फिर से उस आवाज़ को सुना जिसने कभी शहर की पहचान बनाई थी।
यह मरम्मत सिर्फ तकनीकी नहीं थी, यह जमशेदपुर की यादों और विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास थी।
आज का Golmuri Clock Tower – इतिहास का शांत प्रहरी
आज यह घड़ी टावर:
- गोलमुरी गोल्फ कोर्स की खूबसूरती बढ़ाता है
- शहर की औद्योगिक विरासत का प्रतीक है
- उस जमाने की याद दिलाता है जब एक ही घड़ी पूरे शहर का समय तय करती थी
गोल्फ कोर्स के शांत किनारे खड़ा यह टावर आज भी शाम की ठंडी हवा में अतीत का स्पर्श महसूस कराता है। यह सिर्फ एक घड़ी नहीं बल्कि जमशेदपुर की आत्मा की आवाज़ है।
क्यों जाएँ?
अगर आप जमशेदपुर में हैं या शहर को जानना चाहते हैं, तो यह स्थान जरूर देखें। यह आपको बताता है कि कैसे एक औद्योगिक शहर में भी इतिहास, संस्कृति और मानवीय भावनाएँ जीवित रहती हैं।
