Beldih Kalibari Temple, Jamshedpur: A Historic and Revered Maa Kali Temple

बेल्डीह कालीबाड़ी मंदिर, जमशेदपुर के कदमा क्षेत्र में स्थित है और इसे शहर का एक प्राचीन, शक्तिशाली और अत्यंत पूजनीय मंदिर माना जाता है। इसकी स्थापना दिसंबर 1932 में पंडित भूपतिचरण स्मृतितीर्थ द्वारा की गई थी। यह मंदिर न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि दशकों से भव्य दुर्गा पूजा महोत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है।

1932 की अमावस्या की रात, आचार्य पंडित भूपतिचरण जी ने यहाँ विशेष आध्यात्मिक साधना की। उन्होंने पांच प्रतीकात्मक मुण्डों को भूमि में स्थापित किया और उनके ऊपर कलश रखकर पूरी रात गहन उपासना और ध्यान किया। यही साधना मंदिर की स्थापना का आधार बनी।

इसके बाद 2 दिसंबर 1932 को देवी माँ काली की प्रतिमा की स्थापना की गई। यह प्रतिमा आज भी एक ही पत्थर से बनी, तेजस्विता और आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है।

  • प्रतिदिन मंदिर में सुबह और शाम आरती, हवन और पूजा-अर्चना होती है।
  • अमावस्या की रात विशेष रूप से माँ काली की उपासना होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त भाग लेते हैं।
  • 1933 से दुर्गा पूजा और नवरात्रि के अवसर पर कलश स्थापना, सांस्कृतिक कार्यक्रम और माँ का भव्य श्रृंगार होता रहा है।
  • दुर्गा पूजा के समय देवी माँ का स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार विशेष आकर्षण का केंद्र होता है।
  • 2006 में मंदिर की प्लेटिनम जुबली (75वीं वर्षगांठ) भव्य रूप से मनाई गई, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए।
  • मंदिर परिसर में वसंत पंचमी, चैती दुर्गा पूजा और अन्य पर्वों पर भी विशेष आयोजन होते हैं।
  • एक ही पत्थर से बनी माँ काली की विशाल और आकर्षक प्रतिमा
  • स्थापना से पहले हुई गहन साधना और आध्यात्मिक उपासना
  • दशकों से चली आ रही दुर्गा पूजा की भव्य परंपरा
  • हर अमावस्या पर होने वाला विशेष पूजन और ध्यान साधना
  • भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति का केंद्र
  • पता: बेल्डीह कालीबाड़ी मंदिर, कदमा, जमशेदपुर – 831001
  • समय: सुबह 8:00 बजे – 12:30 बजे | शाम 3:30 बजे – 9:00 बजे
  • संपर्क: 0657-XXXXXXX

बेल्डीह कालीबाड़ी मंदिर केवल जमशेदपुर की आध्यात्मिक आत्मा ही नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का जीवंत उदाहरण है। माँ काली की शक्ति, मंदिर की शांति और यहाँ की परंपराएँ भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव प्रदान करती हैं।

अगर आप जमशेदपुर में हैं, तो इस मंदिर में दर्शन अवश्य करें, यहाँ केवल पूजा नहीं होती, बल्कि आशीर्वाद की अनुभूति भी मिलती है।

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